विद्यार्थियों में सांस्कृतिक विकास के लिए निरंतर सक्रिय है सांस्कृतिक परिषद: अनूप लाठर
दिल्ली
विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज में हुआ जनजातीय नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन
दिल्ली
विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक परिषद के चेयरपर्सन अनूप लाठर ने कहा कि सांस्कृतिक
परिषद विद्यार्थियों के अंदर संस्कृति के विकास और उसके मूल्यों को विकसित करने के
लिए निरंतर सक्रिय है। श्री लाठर विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज के सभागार
में आयोजित दो दिवसीय इंटर कॉलेज लोक/जनजातीय नृत्य प्रतियोगिता के समापन अवसर पर
बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इस प्रतियोगिता का आयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय की
सांस्कृतिक परिषद तथा मिरांडा हाउस कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
अपने संबोधन में
अनूप लाठर ने कहा कि लोक एवं जन जातीय नृत्य प्रतियोगिता को आयोजित करने का उदेश्य
ही यह है कि विद्यार्थियों को लोक से भी जोड़ा जाए। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के
तौर पर बोलते हुए सांस्कृतिक परिषद के डीन व डीयू के पंजाबी विभाग के विभागाध्यक्ष
प्रो. रवीन्द्र कुमार ने कहा कि नृत्य एक साधना है। यह एक कला ही नहीं अपितु
व्यक्तित्व को समायोजित करने का माध्यम भी है। इस अवसर पर मिरांडा हाउस कॉलेज की
प्राचार्य डॉ विजय लक्ष्मी नंदा ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि
मिरांडा हाउस भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिये सहर्ष तैयार
है। इस अवसर पर सांस्कृतिक परिषद के डीन प्रो. रवीन्द्र कुमार व सांस्कृतिक परिषद
की ज्वाइंट डीन डॉ. दीप्ति तनेजा सहित अनेकों शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के आयोजन में डॉ निशा नाग और कविता भाटिया ने सराहनीय भूमिका निभाई। इस
दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान मिरांडा हाउस का सभागार दर्शकों से खचाखच भरा रहा।
संगीत और नृत्य के रंगारंग तालमेल ने समाँ बांधे रखा।
मैत्रेय
महाविद्यालय को मिला प्रथम पुरस्कार
प्रतियोगिता का
प्रथम पुरस्कार मैत्रेय महाविद्यालय को गया। इसके साथ ही श्री गुरु गोविंद सिंह
खालसा कॉलेज दूसरे और मिरांडा हाउस कॉलेज तीसरे स्थान पर रहे। इनके अतिरिक्त
प्रतिभागी टीमों के कौशल और प्रतिभा को देखते हुए वेंकटेश्वर कॉलेज एवं श्री गुरु
नानक देव खालसा कॉलेज को दो अन्य सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किए गए। प्रतियोगिता में कुल 21 टीमों ने भाग लिया।